गुरुवार, 20 मार्च 2025

गज़ल

 

जो गुज़री है दिल पे वही जानते हैं

कहां हम ये सारा जहां जानते हैं


तुम्हें तो पता हैं मेरे दिल की बातें

कहां हम तुम्हारा पता जानते हैं


जो सबसे बड़ी है, सजा मेरी जाना 

वही दिल गुजरी, जहां जानते हैं


अभी तो मुकम्मल नहीं है सफर ये

अभी हम नहीं रास्ता जानते हैं


ढ़ले शाम तेरा ख्यालों में आना

ये आदत है तेरी, हम हां जानते हैं


बहुत हो चुकी हैं, मुरव्वत की बातें

ये तेरा हुनर है, सभी जानते हैं


मैं कह तो रहा हूं, कपिल दिल की बातें

मगर वो कहां, कब ये दिल जानते हैं







मुहब्बत बनी रहे, सिलसिला जरूरी है

सही पहचान के लिए फासला जरूरी है


शर्म आंखों में ही दिख जाती है मगर

आपके मामले में ये मामला जरूरी है


उम्मीद के भरोसे बैठेंगे भला कब तक

मरना है के जीना ये फैसला जरूरी है




आसमां फिर से सराबोर हुआ

हर तरफ मरहबा का शोर हुआ


उसकी यादों के सदके जीते हैं

वो जो अपना था, कोई और हुआ


हमें गुमा तो नहीं था खुदी का

मिल गए खाक में ये तौर हुआ


सुना है हंसते हैं अब हम पर

कब हमारा किसी पे जोर हुआ


वो गिरा, वो गिरा, वो गिरा कहके

तेरी महफिल में ज़रा शोर हुआ


इश्क के रास्ते मुश्किल हैं बहुत 

कदम पक्के थे पे दिल चोर हुआ


यही दस्तूर है दुनिया का कपिल

वक्त बदला, वक्त कमजोर हुआ 






किसी सफर की तरह जिंदगी नहीं होती
कि इसमें राह नहीं, मंजिलें नहीं होती

ग़म तेरा ले चले, आंखों में आग ले के चले
अब तो जन्नत की भी कोई खुशी नहीं होती

मुझ को रहता है तेरी वफा का शक हमदम
मेरे दिल को क्यूं तसल्ली कभी नहीं होती

रगांे में खून नहीं, इश्क दौड़ता सा लगे
और तुम कहते हो यूं आशिकी नहीं होती

सभी ने छोड़ दिया, सबकी अपनी मंजिल थी
हमीं को जाने क्यूं आसूदगी नहीं होती

बस तेरा नाम, तेरा नाम, तेरा नाम बाकी
दिल से अब कुछ और दुआ नहीं होती

आंख भर कारवां को देखा जाते हुए
धूल पर नाम की ताबीर पर नहीं होती

बुरी होती है कपिल दिल की लगी
दिल लगाने से बुरी नहीं होती


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