”आप” मंत्रियों की सीधी कार्यवाही...... आम आदमी का इंतजार
पहली बात पहले, ”आप” की कार्यवाही से, चाहे वो सोमनाथ भारती का अश्वेत महिलाओं पर हमला हो, या राखी बिरला का पुलिस को किसी के घर का ताला तोड़ने को विवश करना हो, और फिर मुख्यमंत्री का पुलिस अधिकारियों के निलंबन की जिद करने के लिए सड़क पर उतरना हो, और कोई सहमत हो ना हो, मैं सहमत हूं......सहमति के कारण हैं। हम तो भाई लोगों सालों से ऐसी सीधी-कार्यवाही के पक्ष में इंतजार करते आए हैं। हम लोग, जो खुद को जनता मानते हैं, बहुत सारी चीजों से बहुत थके हुए हैं, पुलिस काम नहीं करती, करती है तो पहले रिश्वत मांगती है, रिश्वत मांग कर भी हमारी मर्जी का काम नहीं करती, सरकार हमारी इच्छा का काम नहीं करती, सरकार या नेता-मंत्रियों की जेब लायक रिश्वत तो हमारे खीसे में होती भी नहीं है। इसलिए अगर कानून मंत्री किसी के घर में घुसकर जबरन उसे वेश्या या नशाखोर बताते हुए मेडिकल जांच की मांग करे, तो जनता को उसका साथ देना ही चाहिए। मेरे कुछ मित्रों ने इस बात पर भी काफी होहल्ला मचाया है, मुझे नहीं लगता कि इस पर सोमनाथ भारती की आलोचना की जानी चाहिए, जनता चाहेगी तो हम महिलाओं को नंगा करके सड़क पर दौड़ा लेंगे, और इसमें किसी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। अब घटनाएं कैसे घटीं, यानी पहले शिकायत आई, फिर मंत्री गए, या फिर पहले जनता वहां जमा हो गई, और फिर मंत्री पहुंचे, या घटनाक्रम जो भी रहा हो, उन अश्वेत महिलाओं को कोई अधिकार नहीं था कि जब कानून मंत्री वहां मौजूद हैं, तो वो अपनी इज्जत बचाने के लिए कुछ करती, आखिर वो ”आम आदमी पार्टी” के मंत्री हैं, और आम आदमी पार्टी का मंत्री कुछ भी गलत नहीं कर सकता।
दूसरी घटना राखी बिरला की है, राखी बिरला ने जब पुलिस से कहा कि उन्हे विश्वस्त सूत्रों ने कहा है कि दहेज-हत्या से संबंधित नातेदार घर में ही छुपे हुए हैं, तो पुलिस को क्या अधिकार था ये सोचने का कि किसी के घर का ताला तोड़ने के लिए किसी वारंट नाम की चीज़ की जरूरत है। जहां ”आम आदमी पार्टी” का मंत्री स्वयं मौजूद हो, वहां कानून की किसी धारा, वारंट, या किसी और चीज़ की जरूरत नहीं होती। सबसे बड़ी बात ये है कि पुलिस बुरी है, भ्रष्टाचारी है, बुरे लोगों का साथ देती है, गरीब आदमी को, आम आदमी को परेशान करती है, और अगर पुलिस ये सब करती है, तो ये सब काम उसे आम आदमी पार्टी के नेताओं और समर्थकों के इशारे पर करना चाहिए, क्योंकि अब ”आम आदमी पार्टी” का राज है, ना कि अपनी मर्जी से।
अब ”आम आदमी पार्टी” का राज आया है, इसलिए अब किसी जांच आदि की जरूरत नहीं है, ”आप” के मंत्री का शिकायत कीजिए और समस्या का तुरंत निदान पाइए, आम आदमी वैसे भी पुलिस, जांच, गवाह, सबूत, न्याय, न्यायालय के चक्करों में बहुत बुरी तरह फंसा हुआ है, होना यही चाहिए जैसा कि आम आदमी के मुख्यमंत्री कह रहे हैं, तुरंत न्याय मिलना चाहिए, अब मान लीजिए कि आपको लगता है कि किसी महिला का चरित्र खराब है, तो आपको बस इतना करना है कि पुलिस थाने में किसी मंदिर या धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था के लेटरहेड पर एक शिकायत लिख कर दे दें, कानून मंत्री खुद पहुंच जाएंगे और उस महिला को चुटिया पकड़ कर घसीट लेंगे, उनके समर्थक उनकी इस बहादुराना कार्यवाही पर हल्ला मचाएंगे, और महिला को घेर-घार कर हिसाब पक्का कर देंगे।
सावधान दुष्टों, राखी बिरला आ गई हैं, अब किसी को कोई छूट नहीं मिलेगी, घरों के ताले तोड़ दिए जाएंगे, किसी तरह की जांच-फांच की, कानून-फानून की जरूरत नहीं है, जो होगा हमारे जोर से होगा, हम वो करेंगे जो चाहेंगे, तुमसे जो बन पड़े वो कर लो। कुछ लोगों का कहना है कि अगर कानूनों में कोई कमी नज़र आती है, तो उनके संशोधन की बात होनी चाहिए, लेकिन ऐसे आरजक काम नहीं होने चाहिएं, मैं इन मित्रों पर लानत भेजता हूं, कुछ मित्रों ने ये भी कहा कि पुलिस बल कानून में संशोधन होना चाहिए, मैं इन मित्रों पर भी लानत भेजता हूं, कानून में संशोधन वो लोग चाहते हैं, जो ”आम आदमी पार्टी” को बदनाम करना चाहते हैं, वरना हमें कानून से मतलब ही क्या है, हम व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहते, हम तो बस ये चाहते हैं कि जो भी हो हमारी मर्जी से हो, और हमारी मर्जी के बिना कुछ ना हो।
अब मुझे इंतजार इस बात का है कि कब सोमनाथ भारती, राखी बिरला और अरविंद केजरीवाल, बमय विश्वास कुमार, अंबानी आवास पर धावा बोलते हैं, क्योंकि 1. दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाली निजी कम्पनियों में तीन-चौथाई रिलायंस की हैं, और 2. उनके खिलाफ जनता की शिकायत अरविंद केजरीवाल तक चुनाव से पहले पहुंच चुकी थी। भई अब आपने एक उदाहरण सामने रखा है, खिड़की एक्सटेंशन से हमें समझ आया है कि ”आम आदमी पार्टी” की सरकार है, इसलिए जनता की शिकायत पर भीड़ जमा करके मंत्री लोग वहीं और तुरंत फैसला करेंगे तो अब अंबानी की खैर नहीं, बहुत घपला किया उसने दिल्ली की बिजली सप्लाई में, जैसा सोमनाथ भारती ने अश्वेत जनता के साथ किया वैसा ही अंबानी बंधुओं के साथ किया जाएगा। और अगर वो घर में ना मिले तो राखी बिरला की तरह उनके घरों और दफ्तरों के ताले तोड़ दिए जाएंगे।
अब ये ना कहिएगा कि जांच चल रही है, देखिए किसी शिकायत पर जांच होगी, और किसी शिकायत पर तुरंत कार्यवाही होगी, तो ये तो असमानता वाली बात होगी। भई खिड़की एक्सटेंशन वाली घटना पर सीधी कार्यवाही होगी, क्यों? और अंबानी वाली शिकायत पर पहले ऑडिट होगा, फिर जांच होगी, फिर कार्यवाही होगी? ऐसा क्यों? क्या इसलिए कि अंबानी आम आदमी नहीं है, और आम आदमी की सीधी कार्यवाही भी सिर्फ आम आदमी पर होती है। खास आदमियों के लिए ”आम आदमी पार्टी” खास तरीके से काम करती है।
अगर शिकायत की कमी है, तो इसे मेरी तरफ से शिकायत ही समझ लिया जाए, मैं दिल्ली के मुख्य मंत्री से शिकायत करता हूं कि
खैर मुझे पूरी उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा, अंबानी और टाटा थर-थर कांप रहे होंगे और भारती-बिरला अंबानी आवास, जो मुझे यकीन है खुद किसी बस्ती से कम नहीं होगा, पर हमले की तैयारी के लिए कमर कस रहे होंगे, आम मुख्यमंत्री केजरीवाल, अंबानी आवास पर इस हमले के बाद गृहमंत्री या हो सकता है सीधे राष्ट्रपति कार्यालय पर धरने की तैयारी करें, लेकिन जो भी हो, अगर ”आप” के इन आम मंत्रियों का ये सीधी कार्यवाही से प्रेरित हमला ऐसे घपलों घोटालों पर होगा तो हमारा समर्थन ”आप” को होगा ही होगा। क्यांेकि आम आदमी अब अंबानी आवास पर इन मंत्रियों के हमले का इंतजार कर रहा है।

