सोमवार, 1 जुलाई 2013

उत्तराखंड त्रासदी और ज्योतिष






चित्र गूगल साभार

उत्तराखंड त्रासदी से मसूद भाई परेशान हैं उनका कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार हैं भारत के सभी ज्योतिषाचार्य.....खासकर टीवी पर आकर भविष्य बांचने वाले, लेकिन भाई मेरे समाधान भी वही बता सकते हैं, आप माने ना माने उनके समाधान में बड़ी ताकत होती है। कल देखा सुबह-सुबह एक साहब एक कुत्ते को जर्बदस्ती गोलगप्पा खिलाने की कोशिश कर रहे है।, कुत्ता बेचारा बहुत परेशान था, मैने कुत्ते की परेशानी से परेशान होकर पूछ लिया कि आखिर बात क्या है, उन्होने बताया कि बाबा ने बताया है कि अगर कुत्ते को 21 दिन तक गोलगप्पा खिलाया तो शक्ति मिल जाएगी। कुत्ता खाना नहीं चाहता था, मैने कहा बाबा को खिला दो, वो आराम से खा लेंगे, और शक्ति भी मिल जाएगी। खैर, कह मैं ये रहा था कि इस त्रासदी के लिए ज्योतिष में समाधान है, कैसे और क्या करना है वो तो मैं भी बता दूंगा, जानना चाहते हैं? 
नहीं जानना चाहते तो भी सुनिए, अमाव के दिन ”रात में नहीं”, घर के मलबे में दबी तेल की बोतल में से एक बूंद तेल निकालें, उसे दायें हाथ की तर्जनी पर लगा कर अंगुष्ठ से मसलें, इस मसला-मसली में उन सभी देवताओं को याद करें जिनकी आप आज तक पूजा करते आए हैं, इतनी देर में ये सारा तेल आपकी तर्जनी में लग गया होगा, अब बाढ़ वाली नदी के किनारे टूटे पड़े पीपल के, अगर ना मिले तो किसी भी पेड़ के सूखे पत्ते पर वो तेल लगाएं, ऐसी सड़क के किनारे जाएं जो आपदा में टूटी हो, इसके किसी ऐसे पत्थर को लें जिस पर कोलतार लगा हो, इस कोलतार लगे पत्थर पर भी तेल लगाएं, फिर वो पत्थर सात बार केदारनाथ जी वाली दिशा में हिलाएं, मुख पर श्री श्री जैसी मुस्कान लाएं, और जोर से चीखें, पत्थर को विधानसभा या संसद की दिशा में फेंके। इसके बाद अपने टूटे हुए घर में वापस आ जाइए। 

ये अनुष्ठान बहुत आसान भी है और बहुत मुश्किल भी, आसान इसलिए कि इसमें किसी किस्म का खतरा या खर्चा नहीं है, मुश्किल यूं कि अगर आपको मलबे में तेल की बोतल ना मिले, या आपके यहां का पेड़ टूट का बह गया हो, या आपका पूरा गांव ही तबाह हो गया हो, तो आप कुछ नहीं कर सकते, दूसरे आपके लिए श्री श्री वाली मुस्कान भी पूरी होनी चाहिए, आर्ट ऑफ लिविंग के ज्यादा प्रयोग से ही ऐसी मुस्कान आती है, और वो एक महंगा कोर्स है, उसे सिर्फ अमीर लोग करते हैं, आप जैसे गरीब लोगों को पता ही नहीं होगा कि वो मुस्कान होती कैसी है। तीसरे हो सकता है कि आपको यही ना पता हो कि ये सुसरी विधानसभा या संसद किस दिशा में है।

ये सूतक होता है, यानी पातक, यानी आप पागल हैं। अगर आपने अपना घर वास्तु के हिसाब से बनाया होता तो आपको ये आपदा झेलनी ही नहीं पड़ती, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, बाकी मंत्री, विधायक, सबने देहरादून, दिल्ली में अपना जो घर बनाया है वो वास्तु के हिसाब से है, उसमें बुच्चक दोष नहीं है, इसलिए वो सब आपदा से बच गए, आपका घर आपके अपने हिसाब से बना था, इसलिए वो आपदा में है। 

फिर केदारनाथ बाबा की लीला, जो यात्री उनका दर्शन करने आए थे, सब उनके लिए परेशान थे, बहुत शोर मच रहा था कि उन्हे बचाओ, उन्हे हर्जाना दो, उनकी सेवा करो, केदार बाबा की लीला, तुम तो गए नहीं थे यात्रा में, केदार बाबा के दर्शन करने, तुम्हे क्यों बचाए कोई, तुम पापी, ना वास्तु के हिसाब से घर बनाते हो, ना बाबा के दर्शन करने जाते हो, और नालायक इतने कि इस आपदा का जिम्मेदार बताते हो यहां बनने वाले डैम, प्रोजेक्ट, टनल को। जिन्होने ये डैम-टनल बनाए हैं, उन सबके घर भी वास्तु के हिसाब से बने हैं, उन पर देवी, या देवता ”जिसे भी वो माने उन” की असीम कृपा है। तुम पर भी हो सकती थी लेकिन तुमने उनका विरोध करके ये कृपा खत्म कर दी। अब भुगतो।

खैर अब भी समय है, संभल जाओ, केदार बाबा को प्रसन्न करो, मुख्यमंत्री को प्रसन्न करो, बाकी श्रृद्धानुसार छोटे मंत्रियों विधायकों को भी प्रसन्न कर सकते हो। अगर ये सब प्रसन्न हो गए तो हो सकता है कि घर-वर बनाने के लिए पैसा मिल जाए, जितना आबंटित होगा उससे कम मिलेगा समझे ना, तुम्हारे झोंपडे़ के पैसे से ही वास्तु वाले घर के लिए जुगाड़ होगा, शिकायत ना करना, ओके। खाने के लिए भी कुछ करेंगे, बस इन्हे प्रसन्न करो। ठीक है।

अरे हां, एक बात बताना भूल गया, एक राहुल बाबा करके हैं, वो इस तरह की आपदा में आ सकते हैं, उन्हे गरीबों, मुसीबतज़दा लोगों के घर रुकने का शौक है, अगर वो आ जाएं तो उन्हें अच्छा खाना-वाना खिलाना, ठीक है, वो प्रसन्न हो गए तो अपनी ममी से कहकर तुम्हारे दिन फिरवा देंगे, उपर से फ्यूचर किंग हैं, तो.......बाकी अनुष्ठान आपको बता ही दिया है। पूरा कीजिए और कहिए जय बाबा.......की।

4 टिप्‍पणियां:

  1. Rahul or uski mummy;-)
    Sahi hi hai kedar baba ka prakop tha isliye papiyo k sath aisa hua.par un papiyo ka kya jo vastu se bane ghar mein surakhshit baithe sab dekh rahe hain

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  2. It's not only about what you can or cannot do, its about people who are doing everything to kill you and showing as if they are saving you, while taking everything away from you.

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  3. ये अनूठा अनुष्ठान वक़्त से पता चला होता तो ये आपदा टल जाती लकिन इस वक़्त छाए काले बादलों मै एक सुनहरी लकीर है , आने वाली आपदाओं के लिए तेल का इंतजाम हो गया I हमें इन सारे बाबाओं का कृतज्ञ होना चाहिए और पूरी श्रद्धा से तेल लगाने मे लग जाना चाहिए।

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