
इस बात में कोई शक नहीं है कि अमेरिका एक महान देश है, सुंदर देश है और बढ़िया देश है। अमेरिका की महानता का जितना चर्चा किया जाए कम है, उसकी सुंदरता काबिल-ए-तारीफ है और वो कितना बढ़िया देश है इसकी तो सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। इतिहास गवाह है कि सदियों से हमारे देशवासी अमेरिका जाकर बसने को लालायित रहे हैं, अगर बस ना सकें तो कम से कम एक बार वहां का चक्कर लगा आने का मोह कोई नहीं छोड़ पाया आज तक, अहा, गौरवर्ण पुरुष और मनमोहिनी, स्वछंद, गोरी-गोरी महिलाएं, जिनके केश ”उर्दू में जुल्फें” और नयन ”उर्दू में आंखें” भिन्न रंगों की होती हैं। वे स्वछंद होती हैं, आपकी तरफ देख कर किसी वजह से या बेवजह भी मुस्कुरा सकती हैं, आपसे बिना झिझक हाथ मिला सकती हैं, और अगर आपकी किस्मत अच्छी हो तो आपके साथ दोस्ती भी कर सकती हैं, और फिर.....जो ना हो जाए वो कम है। आह! स्वपन जैसा देश है अमेरिका। मेरे कई मित्र गए हैं, जो भी गए हैं, वहां से अपनी फोटुएं भेजते या फेसबुक पर चिपकाते हैं, हर फोटू में इतने खुश नज़र आते हैं कि क्या कहने.....। अमेरिका जाकर आप डॉलर कमा सकते हैं। जब हम छोटे थे तो हमें जो सूचना मिली थी उसके अनुसार वहां, झाडू लगाने वाले के पास भी कार होती थी, यानी हर इंसान अमीर होता था, और हर इंसान पैसे में खेलता होता था। स्वर्ग जैसी व्याख्या होती थी अमेरिका की, जो अमेरिका जाता था वो पूरे परिवार के लिए गर्व और आश्चर्य का विषय होता था, और अगर किसी ने वहां कि गोरी मेम से शादी कर ली, तो समझिए पूरा परिवार भारत की 1947 से पहले वाली स्थिती में पहुंच जाता था। उस जोड़े के अलावा घर के सभी सदस्य दोयम दर्जे के नागरिक की तरह हो जाते थे। अब भी शायद ऐसा ही हो, बल्कि ऐसा ही होगा, जो डॉलर कमाता हो, वो हमसे तो अमीर ही हुआ भई। तो ऐसे स्वार्गिक देश में जाने की नरेन्द्र मोदी की इच्छा हो तो ये कोई आश्चर्य का विषय नहीं होना चाहिए।
आपको हो या ना हो, मुझे बहुत दुख है कि नरेन्द्र मोदी को अमेरिका अपने यहां आने का वीज़ा नहीं दे रहा है। अपने जीवन में एक इंसान जो कर सकता है नरेन्द्र मोदी ने वो सब कर लिया, पैसा कमाया, शोहरत कमाई ”भई बदनाम होंगे तो क्या नाम ना होगा?” बस एक चीज़ रह गई, अमेरिका नहीं जा पा रहे। अमेरिका को भी सोचना चाहिए, तमाम तरह के गुण्डे, मवाली, धोखेबाज़, हत्यारे, अमेरिका जाते हैं, घूमते हैं, बल्कि वहां की नागरिकता हासिल कर लेते हैं, लेकिन ”बेचारे” नरेन्द्र मोदी को ही वीज़ा नहीं दे रहा। जितनी कोशिश नरेन्द्र मोदी अमेरिका के वीज़ा के लिए कर रहे हैं, उतनी अगर ईश्वर की तपस्या की होती तो वो आ गया होता, ”चल बेटा, मांग वरदान क्या मांगता है” तब मोदी कह देते कि ”हे भगवान! बस एक बार अमेरिका का वीज़ा दे दीजिए।” भई हद होती है, मुझे सच में बहुत दुख है, और नरेन्द्र मोदी के लिए बहुत कष्ट भी हो रहा है, उसे वीज़ा दिलवा दीजिए भाई, अब तो इतना ज्यादा अन्याय हो गया है उसके साथ, कि डर लगता है कहीं कुछ उल्टा-सीधा ना कर बैठे।
और शर्म आनी चाहिए आपको कि आप चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी को अमेरिकी वीज़ा ना मिले, आप अमेरिका को लेटर लिख रहे हैं कि नरेन्द्र मोदी को वीज़ा ना दिया जाए। हद है। जब नरेन्द्र मोदी बनेगा ना पी एम, तो उन सभी को जिन्होने इस लेटर में साइन किया है, जेल में डाल देगा, बता दे रहा हूं आपको। बस प्रकाश कारत को छोड़ देगा, क्योंकि उन्होने अभी ही साफ कर दिया है कि लेटर में उनके साइन, उनके नहीं हैं। खैर नरेन्द्र मोदी की नज़रें फेसबुक और बाकी सोशल मीडिया पर भी हैं, उन लोगों का रिकॉर्ड तैयार करवाया जा रहा है, जो नरेन्द्र मोदी को अमेरिकी वीज़ा ना दिए जाने की हिमायत कर रहे हैं, एक बार नरेन्द्र मोदी को पी एम बन जाने दो, फिर दिखाते हैं तुम्हे।
लेकिन पहली बात तो ये है कि मुझे अमेरिका पर गुस्सा, कि वो अभी तक क्यों नरेन्द्र मोदी को वीज़ा नहीं दे रहा। बताइए तो भला, बेमुरव्वती की हद होती है। नरेन्द्र मोदी ने क्या-क्या नहीं कर डाला, अमेरिका को खुश करने के लिए। दर्जन में तेरह के भाव में जमीन, किलो में 1100 ग्राम के भाव से बाकी चीजें़, आओ, आओ लूट ले जाओ, बस यही बाकी रह गया कि नरेन्द्र मोदी थड़े पर खड़े होकर चिल्लाएं, ”सब माल - दो रुपये, ले लो - दो रुपये, लूट लो - दो रुपये” जैसे जनपथ पर शर्ट-पैंट बेचने वाले चिल्लाते हैं।
अब तो अमेरिका को पसीज जाना चाहिए, अब तो नरेन्द्र मोदी को वीसा दे ही देना चाहिए, चाहे तो मैं भी वहां जाकर उनसे फरियाद करने को तैयार हूं, मोदी चाहे कैसा भी हो, पर किसी इंसान को इतना तरसाना इंसानियत नहीं है। देखिए अभी राजनाथ गए, होने को तो भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी का प्रतिनिधी होने के चलते वो अमेरिका से हज़ारों मुद्दों पर बात कर सकते थे, लेकिन ये नरेन्द्र मोदी के लिए अमेरिका वीसा का मुद्दा इतना महत्वपूर्ण है कि वहां इसके अलावा और कोई बात हो ही नहीं सकती थी। न्यूकलियर डील, खुदरा में एफ डी आई, बी टी, आर्थिक राहत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मीडिया......मेरा मतलब ना जाने कितने ही ऐसे मुद्दे हो सकते थे जिन पर राजनाथ अपनी बातें रखकर अमेरिका को ये बता सकते थे कि भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी आखिर इनके बारे में क्या सोचती है, लेकिन उन्होने इस वक्त के सबसे बड़े मुद्दे को यानी नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीसा को चुना, कमाल का दूरदर्शी राजनेता ऐसा ही होता है, वो तात्कालिक जरूरत की बात को प्राथमिकता देता है। नरेन्द्र मोदी जो देश के भावी प्रधानमंत्री हैं, चाहे कुछ ही लोगों के सही, दिल में उनकी एक छवि है, एक जगह है, उनके लिए राजनाथ द्वारा वीसा की मांग करना एकदम सही कदम था, इसकी तारीफ की जानी चाहिए।
नरेन्द्र मोदी भी एकदम सही कर रहे हैं, भारत का कोई भी प्रधानमंत्री, या भावी प्रधानमंत्री अगर अमेरिका के राष्ट्रपति की चरणरज अपने माथे पर ना लगा ले, सही अर्थों में सफल प्रधानमंत्री नहीं हो सकता। मैं उनकी इस इच्छा से पूरी तरह सहमत हूं, और इस बात से मुझे गहन सदमा और दुख पहुंचा है कि राजनाथ के भयंकर प्रयत्नों के बावजूद अमेरिका मोदी को वीसा नहीं दे रहा है।
नरेन्द्र मोदी समर्थकों, तमाम हिंदु राष्ट्रवादियों, और भाजपा समर्थकों से मेरा उत्साही अनुरोध है कि वो अमेरिका के खिलाफ मार्च निकालें, कि उसने नरेन्द्र मोदी को वीसा नहीं दिया, खुद कभी अमेरिका ना जाने का संकल्प करें, और अपने जितने भी यार, रिश्तेदार अमेरिका में मौजूद हैं, उन्हे फौरन वापस बुला लें, अमेरिका ने आखिर समझा क्या है, हम उसे दिखा देंगे कि उसने वीसा ना देकर, और ना देने की जिद करके नरेन्द्र मोदी का जो अपमान किया है, हम उसे उसका करारा जवाब देंगे। पूरे देश में एक लहर सी दौड़ जानी चाहिए, जहां लोग मोदी के समर्थन में कभी अमेरिका ना जाने का वचन लें, और पूरी दुनिया को ये दिखा दें कि यदि कोई नरेन्द्र मोदी को अपने देश में आने का वीसा नहीं देगा तो हम भी उस देश नहीं जाएंगे।
लेकिन साथ ही अमेरिका को ये पत्र भी भेज दें कि महामहिम सरकार, कृप्या नरेन्द्र मोदी को वीसा दे दीजिए। उसमें अपने पसीने, थूक और आंसू से साइन करेंगे। जो नरेन्द्र मोदी को अमेरिका का वीसा ना मिलने से खुश हैं, उन कायरों को बता देंगे कि नरेन्द्र मोदी ”शेर” है, और अमेरिका का वीसा तो उसे जरूर मिल कर रहेगा।
अंत में यही कहूंगा कि मुझे नरेन्द्र मोदी की ”काबिलियत?” और अमेरिका की ”इंसानियत?” पर कोई शक नहीं है, आज नहीं तो कल, अमेरिका ना सिर्फ नरेन्द्र मोदी को वीसा देगा, बल्कि राजकीय सम्मान के साथ बुलाकर स्वागत करेगा, आखिर दोनो मौसेरे भाई हैं। लेकिन अभी तो दुख है कि बिचारे नरेन्द्र मोदी को इतने जतन करने के बाद भी अमेरिकी वीसा नहीं मिल रहा है।

very true ..........sir
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक टिपण्णी है आपकी कपिल भाई , मै भी अपने आप को रोक नही पा रहा हूँ न जाने क्यों मुझको एक हिंदी गीत याद आ रहा है , "तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई युहीं नहीं वीसा ठुख्रता कोई" दरअसल नरेन्द्र मोदी जी का सयुंक्त रास्त्र अमेरिका जाना तो बनता है , जिस इच्छा की बात आपने की है वो गुजरात के लोगों मे भी अति प्रबल है आखिर अमेरिका मे जुऐ के अड्डे (sorry Casino- sounds better) से शराब खाने (sorry again Bar and Pubs) से लेकर कोने वाले किराने की दूकान चलाने काम गुजराती अमेरिकन करते हैं . एक बार नरेन्द्र भाई मोदी को वहां जा के पूछ के तो आने दीजेये - केम छो ? जवाब तो आप जानते हैं
जवाब देंहटाएंमेरे हिसाब से नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी सरकार मे काफी समानतायें हैं जैसे किसी एक धर्म के लोगों का बड़े पैमाने पर हत्या करवाना और फिर शांति, प्रजातंत्र और विकास की दलाली करना और उसका ढिढोरा पीटना , हो सकता अमेरिका इस लिए नरेन्द्र मोदी से खफ़ा है क्योंकि बिना परमिशन यानि बिना आज्ञा लिये अमेरिकी फार्मूला गुजरात में लगा दिया . चलो अब मान भी जाओ आखिर चोर चोर मौसेरे भाई जो होते हैं - अब बुला भी लो नरेन्द्र भाई को अमेरिका और जनम सफल कर दो