नमस्कार, मैं कपिल एक बार फिर आपके सामने। मामला मुद्दआ ये है कि मैं बहुत खुश हूं। कस के डांट पड़ी राहुल गांधी को कोर्ट से, वो भी सुप्रीम कोर्ट से, अजी डांट क्या पड़ी, एक न्यायाधीश ने तो साफ - साफ कह दिया कि तुम अगर सच्चे भारतीय होते तो ऐसा ना कहते....
अब आप सोचेंगे कैसा ना कहते। यूं तो राहुल गांधी, और ये जो बाकी चट्टे-बट्टे शोर मचा रहे हैं ना, दुनिया भर का वबाल काटा हुआ है इन्होेने, ये सब जो भी कहते हैं, वो इस बात की ताईद करता है कि ये लोग सच्चे भारतीय नहीं हैं। बताइए, कोई सच्चा भारतीय क्यों भारत से यानी सरकार से यानी मोदी उर्फ महामानव से कोई सवाल करेगा। एक सच्चा भारतीय वो होता है, जो मिल जाए तो दो वक्त का खाना खाए, और संभव हो तो चादर तान कर सोए। बताइए, बोलना, सवाल करना, यूं आड़ी -तिरछी बातें करना, ये किसी भी एंगल से सच्चे भारतीय का काम लगता है क्या? आप ही बताइए।
माफ कीजिएगा, ये वीडियो यूं ही बीच में आ गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, वीडियो में जिनको आपने अभी देखा वे वर्तमान दिल्ली राज्य सरकार में, कानून मंत्री हैं, और जहंा तक हमारी जानकारी है, वे एक सच्चे भारतीय हैं। आप चाहें तो इनसे सच्चा भारतीय होने के गुण सीख सकते हैं। वैसे भी भारत में सच्चा भारतीय होने की लगातार टेनिंग दी जाती है, अगर आप उस टेनिंग में नहीं जाते हैं, तो आप सच्चे भारतीय होने से बच रहे हैं। जो बहुत ही खराब बात है, ये टेनिंग सुबह के समय, किसी भी पार्क या खाली मैदान में दी जाती है, अगर आप इस टेनिंग में हिस्सा लेते हैं, तो आप सच्चे भारतीय हैं और इसकी तस्दीक लगातार हमारे माननीय न्यायाधीश समय-समय पर करते रहे हैं, करते रहते हैं।
देश में सच्चा भारतीय बनाने की टेनिंग साल 1925 से लगातार चल रही है, बीच में इस टेनिंग में कुछ व्यवधान आ गया था, जिसमें सच्चा भारतीय बनाने वाली संस्था पर बैन लगा दिया गया था, जो कि वाकई बहुत ही बुरा कदम था, लेकिन अब सच्चे भारतीयों की संस्था ने देश की हर संस्था के शुद्धिकरण का बीड़ा उठा लिया है, और उसे अपने सिर पर रख लिया है, इसी प्रक्रिया में, झूठे भारतीयों की खोज की जा रही है, और उन्हें समझाया जा रहा है कि बेटा जी सच्चे भारतीय बनो। अब इस सबके बावजूद अगर आप सच्चे भारतीय नहीं बनते तो फिर हमारे माननीय न्यायाधीश ये कहेंगे कि अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ये ना कहते।
तो अगर ये ना कहते तो क्या कहते? जी हां, सही सवाल यही है। एक सच्चा भारतीय होना एक कड़ी प्रक्रिया होती है, बुद्धि और तर्क से दुश्मनी करनी पड़ती है, किताबों को दुश्मन मानना होता है, और सबसे बड़ी बात, यदि मन में कोई सवाल आए तो हाथ जोड़ कर आंख बंद करके, उस सवाल को मन से बाहर निकाल कर महामानव को देश मानना होता है। दोस्तों, ये शंका, ये सवाल, ये बहस, ये तर्क क्यों, आखिर क्यों, क्या आप ऐसे सच्चे भारतीय नहीं बन सकते।
बताइए, क्या ये करना मुश्किल है। एक सच्चा भारतीय ऐसे ही सोचता है। और राहुल गांधी सवाल उठा रहा है। वो एक - आध सवाल उठाए तो ठीक है, क्योंकि खुद महामानव भी मानते हैं कि आलोचना करने से ही लोकचंद्र बचा रह सकता है।
लेकिन सावधान, आप आलोचना करें तो ध्यान रखें कि कहीं आप सच्चे भारतीय होने की राहे मुस्तकीम से भटक ना जाएं। देखिए, अपने देखने वालों को मैं ये बता दूं कि आलोचना ऐसी होनी चाहिए कि जिससे सरकार को कोई तकलीफ ना हो, उन्हें दिक्कत होगी तो फिर मान लीजिए, ये माननीय न्यायाधीशों को कर्तव्य बन जाता है कि वो ये निर्देश दें कि भई आप सच्चे भारतीय होने के रास्ते से भटक रहे हैं। समस्या ये है कि कुछ लोगों ने सरकार की आलोचना को ही अपना काम मान लिया है। महंगाई बढ़ रही है तो सरकार को दोष दो, रोजगार नहीं मिल रहा, सरकार को दोष दो, कहीं आतंकवादी हमला हो गया, सरकार को दोष दो, कहीं किसी मंत्री ने महिलाओं का बलात्कार किया, और उसका वीडियो बना लिया, सरकार को दोष दो, कहीं चीन देश के अंदर घुस आया, सरकार को दोष दो। अरे भई हर बात में सरकार को दोष देना कहां की अक्लमंदी है।
सरकार को क्या बस यही काम रह गया कि वो किसानों को सुविधाएं दे, छात्रों के लिए पढ़ाई का इंतजाम करे, महंगाई कम करे, महिलाओं की सुरक्षा करे, मजदूरों को सही मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा दे। सरकार को और भी बहुत काम होते हैं, ये जो पूरी दुनिया में डंका बज रहा है, इसे कोई नहीं देखता, राहुल गांधी जिनके बारे में माननीय न्यायाधीश महोदन ने कह दिया है कि वो सच्चे भारतीय नहीं हैं, क्या ये भारत का ये डंका पूरी दुनिया में उन्होने बजाया है, अगर वो सच्चे भारतीय होते तो दुनिया भर में भारत का ये बजता हुआ डंका उन्हें भी सुनाई देता, लेकिन दोस्तों, ये झूठे भारतीय होने की बीमारी ने उनके कानों पर पर्दा डाल दिया है। सुना कि वो लेह-लद्दाख भी चले गए, वहां लोगों से बात भी कर ली, और वहां के लोगों ने जो कहा, उन्होने आकर यहां उसके आधार पर सरकार से सवाल पूछ लिए। बताइए, एक सच्चा भारतीय ऐसा करता, नहीं, कभी नहीं, बिल्कुल नहीं।
यही नहीं, वो तो खुलेआम, सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। बताइए, एक ऐसे देश में जहां, प्रातःस्मरणीय, अवतारी पुरुष, छप्पनी इंची छाती वाले महामानव राज करते हों, उस देश में ऐसे सवाल उठाना क्या किसी सच्चे भारतीय को शोभा देता है।
एक और भारतीय जिनके सच्चे होने पर मुझे संदेह है, कृप्या माननीय न्यायाधीश महोदय इनकी तरफ भी ध्यान दें।
बताइए, ये आदमी भारत पर चीन के कब्जे की झूठी खबरें फैला रहा है, अगर आपको नहीं पता कि ये कौन है तो प्लीज़ ज़रा गूगल का इस्तेमाल कीजिए। बताइए, ये व्यक्ति वहीं रहता है, जहां के बारे में बात हो रही है कि वहां चीन भारत के अंदर घुस आया है, ये आदमी हमें क्यों ये सब बता रहा है, अरे भई तुम पर्यावरण, जैसा कुछ करते हो, करो, ये सब बातें क्यों कर रहे हो, ये बातें तुम्हारे करने की नहीं हैं, मेरा कहना ये है दोस्तों की ये आदमी भी असल में सच्चा भारतीय नहीं है, वरना ऐसी बातें नहीं करता, वो भी तब जबकि हमारे महामानव हमें बता चुके हैं कि ना कोई आया और ना कोई गया
महामानव, विश्वगुरु के ऐसे बयान के बाद भी कोई अगर वहां रहने वाले लोगों पर भरोसा करे, वहां के सांसद पर भरोसा करे, विपक्ष के नेता पर भरोसा करे, तो बताइए, इस देश का क्या होगा। इस देश में सच्चे भारतीयों की कमी होगी, और देशभक्ति का मीटर नीचे चला जाएगा। इसलिए एक सच्चे भारतीय का ये कर्तव्य है, कि वो महमानव की बातों पर, आंख मूंद कर भरोसा करे। क्योंकि हमारे महामानव सच्चे, भारतीय हैं, सच्चे क्या वे तो पवित्र भारतीय हैं।
दोस्तों, मैं बस यही कहना चाहता हूं कि आज के दौर में जब पूरी दुनिया में भारत विश्वगुरु होने की कगार पर खड़ा है इस तरह के झूठे भारतीय, भारतीय नागरिकों को सच्चा नागरिक बनने से रोक रहे हैं, और मुझे खुशी है कि हमारे माननीय सुप्रीम कोर्ट के माननीय विद्वान न्यायाधीश ने, राहुल गांधी को झूठा भारतीय होने की चेतावनी दी, जिससे हमारे सामने ये रास्ता साफ हो गया कि क्या करने से व्यक्ति झूठा भारतीय हो सकता है। इसके लिए मैं इन न्यायाधीश महोदय को साधुवाद देना चाहता हूं, और एक बार फिर से ये दोहराना चाहता हूं कि अब भी बहुत सारे लोग इस देश में हैं, जो लगातार सरकार से सवाल कर रहे हैं, और इस तरह उनके सच्चे भारतीय होने पर संदेह होता है, अगर सरकार चाहे तो वो एक पल में इन झूठे भारतीयों को मज़ा चखा सकती है।
अब भी देर नहीं हुई है मितरों, अब भी आप अपने पापों से मुक्ति पा सकते हैं, और सरकार से सवाल करने की आदत से बच सकते हैं, और यूं सच्चे भारतीय बन सकते हैं। राहुल गंाधी को आईना दिखाने वाले न्यायाधीश महोदय को बहुत धन्यवाद।
अब ग़ालिब को सुनिए कि उन्होने इस मामले में क्या कहा था
जो सवाल पूछना हो, तो पाकिस्तान चला जा
जो तू सच्चा इंडियन होता, तुझे ऐतबार होता
ग़ालिब को पता था कि ये जो झूठे भारतीय हैं, ये सवाल पूछेंगे, इसलिए उन्होने पहले ही उनके लिए आगाह कर दिया था। मेरी आपसे अपील है कि आंख मूंद कर सरकार पर भरोसा कीजिए, और सवाल पूछना बंद कीजिए, कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ये ना कहते।
नमस्कार
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