अरे तुम्हे पता है कल क्या हुआ.....हां हां...वो छात्र लोग यू जी सी को घेर-घार कर बैठे हैं, वो तो है ही.....कल ये भी हुआ कि केरल हाउस की कैंटीन में पुलिस पहुंच गई कि उनका खाना चैक करना है, क्योंकि हिन्दु सेना वाले किसी सज्जन ने पुलिस को फोन किया था कि वहां बीफ परोसा जा रहा है। अखबार में छपा है कि हालांकि वहां बीफ यानी गौमांस नहीं परोसा जा रहा था, बल्कि अप्रतिबंधित भैंस का मांस परोसा जा रहा था, लेकिन वहां के प्रबंधक ने कहा है कि अब वहां भैंस का मांस भी नहीं परोसा जाएगा......मुसीबत कौन मोल ले.....
समझे मिस्टर.....यानी बकरे की मां, कब तक खैर मनाएंगी.....तुम चिकन भी बनाओगे तो हिन्दु सेना वाले पुलिस भेज देंगे, पालक का साग बनाओगे तो भी पुलिस पतीला उठाकर ले जाएगी.....किसी हिंदु सेना वाले ने फोन किया है कि इसमें बीफ है। अब बना हुआ मांस तो उठ कर गवाही देगा नहीं कि वो बीफ है कि नहीं है, और तुम्हारी औकात क्या, कि तुम्हारी बात मानी जाएगी, हिंदु सेना वालों की बात मानी जाएगी, क्योंकि वो शुद्ध शाकाहारी, ब्रहम्चारी किस्म के लोग हैं और पुलिस को उनकी बात पर पूरा-पूरा भरोसा है, इसलिए इधर उन्होने शिकायत की और उधर पुलिस पहुंची। प्रधानमंत्री की निगरानी में, अमित शाह की गाइडेंस में, आदित्यनाथ जैसे संतों की अगुआई में एक नई किस्म की पुलिस का गठन होगा जो बीफ की शिकायत पर किसी के भी घर, रेफ्रीजरेटर, आदि की जांच के लिए सदैव, सतत् तैयार रहेगी।
घर दालों से खाली हैं, सब्जियां वैसे ही नहीं मिलती, अब अगर कुछ घास-फूस मान लो तुमने सब्जी के नाम पर बना लिया तो पुलिस आ जाएगी जांच के लिए। पचास-पचास कोस दूर, जब रात को चूल्हे पर हांडी चढ़ती है तो, पड़ोसी चिल्लाते हैं, बंद करो ये आग, अगर हिंदु सेना को पता चल गया कि तुमने हांडी चढ़ाई है तो पुलिस आ जाएगी। गाय का मांस राष्ट्रीय प्रश्न बन चुका है। लाखों किसान मर गए, लड़कियों का बलात्कार होता ही रहता है, दिल्ली में लड़कियां पुलिस में शिकायत करती है कि गुण्डे हमें छेड़ रहे हैं, ;ये भी ये सेना और दल वाले ही होते हैं, दोनो जगह रहते हैंद्ध तो पुलिस के कानों पर जूं नहीं रेंगती, गुण्डे लड़की के चेहरे पर तेजाब डाल कर चले जाते हैं, लड़की को कार में खींच लेते हैं और घंटो बलात्कार करके किसी सड़क के कोने पर मरने के लिए छोड़ देते हैं लेकिन पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ता, और मान लीजिए किसी ने शिकायत कर भी दी तो पहले तो पुलिस पहुंचती नहीं है, पहुंचे तो पहले इसी बात पर गाली-गलौज होता है कि मामला किस थाने का बनता है, फिर कहीं जाकर बात होती है एफ आई आर की, और जांच-वांच की तो बात ही भूल जाओ आप। लेकिन जब हिंदु सेना को कर्मठ कार्यकर्ता बीफ की शिकायत पुलिस को फोन पर बताता है तो पुलिस दौड़ कर जाती है, ताकि बीफ को गिरफ्तार किया जा सके। इतनी कर्मठता आपको दो ही जगह मिलेगी, जब ये लोग गाड़ियों से रिश्वत बटोरने के लिए हाईवे पर ट्रक्स को जान पर खेलकर रोकते हैं। या फिर जब अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई सेना, दल, बल, आदि शिकायत करते हैं।
मेरी मां ने कल सरसों का साग बनाया था, मुझे बहुत पसंद है, कटोरी में ढंक कर उपर ले गया, पड़ोसी ने आवाज़ लगाई, ”क्या ले जा रहे हो कपिल भाई, छुपा कर....” दिल धक्क से रह गया.....ये क्या सोच रहा है, कहीं पुलिस को फोन ना कर दे कि मैं बीफ खा रहा हूं, कहीं अगर पुलिस आ गई और इस साग की कटोरी को फोरेंसिक टेस्ट करने के लिए ले गई तो......? मैने घर में घुसते ही, बिना कपड़े उतारे, बिना हाथ मुंह धोए, बिना थोड़ी देर बैठे, पहले, सबसे पहले दो रोटियां निकालीं और साग खत्म कर दिया। अब कोई किसी को भी कह दे, मैने तो खा लिया। कम से कम ये तो रहा कि साग का टेस्ट नहीं किया जा सकेगा। हो सकता है कि शिकायत हो और पुलिस आ जाए, तो अब तो कल स्टूल का सैम्पल ही फोरेंसिक लैब में भेज कर पता किया जा सकेगा कि मैने बीफ खाया या नहीं।


अब मामला जो है उसकी गंभीरता आप नहीं समझ रहे हैं, इसलिए ये आर्टिकल पढ़ते हुए भी मुस्कुरा रहे हैं। बंधु-भगिनियों, ज़रा इस बात की गंभीरता को समझिए, आपके हाथ में निवाला है और पुलिस की ठक-ठक होती है,
”निवाला नीचे रख” एक कड़क आवाज़ में आपको आदेश मिलता है, आप डरते सहमते कांपते हाथों से निवाला नीचे रख देते हैं।
”तेरे खिलाफ फोन पर शिकायत आई है कि तू......बीफ खा रहा है”
तुम शॉक्ड, तुमने तो शक्ल नहीं देखी बीफ की, खाना तो दूर की बात.....”न....नहीं सर....कोई गलतफहमी हो गई है आपको.....”
”चोप्प.....साले वो सेना वाले क्या झूठ बोलेंगे.....वो राष्ट्रवादी, देशभक्त, गौ भक्त, हिंदू धर्म के रक्षक..... झूठ बोलेंगे...... ये खाना पैक कर लो.....इसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा....”
”पर सर मैं खाउंगा क्या....”
”ये देखो.....यहां गौ माता की रक्षा की बात हो रही है, राष्ट्र के बड़े संकट को टालने की, समस्या से जूझने की बात हो रही है, और तुझे अपने खाने की चिंता हो रही है....इसीलिए हमारा देश आगे नहीं बढ़ता है। तेरी किचन तब तक सील रहेगी, जब तक फोरेंसिक जांच से नतीजे सामने नहीं आते.....”
”तो तब तक मैं.....क्या खाउंगा”
”भूख रह....क्या तू देश के लिए, अपने राष्ट्र के लिए हफ्ता दस दिन भूख तक नहीं रह सकता....देशद्रोही तुझे तो ठौर मार देना चाहिए.....पर अभी रुक, रिपोर्ट आने दे....तब तक तू भूख से ही मर जाएगा....या....कोई और इंतजाम करेंगे.....”
कुल मिलाकर अब आप घीया खाओ, या तुरई, बैंगन खाओ या आलू.....;दाल तो वैसे हीं नहीं खा सकते.....द्ध यानी कुछ भी खाओ, उसे जांच के लिए जब मर्जी ले जाया जा सकता है।
बाकी दिल्ली में यू जी सी पर छात्र लोगों का धरना भी चल रहा है, जिसके चारों ओर पुलिस देखी जा सकती है। जाहिर है ये पुलिस कुछ लोगों की सुरक्षा के लिए है, क्योंकि शासन को डर रहता है, ये शंातिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुलिस पकड़ कर बस में डाल देती है, कभी जेल में डाल देती है, कभी डंडे चला देती है। वहीं सेना वाले, बल वाले, दल वाले छात्रनुमा गंुडे जब आते हैं, तो यही पुलिसवाले उनकी हुड़दंगई में मदद करने को तत्पर दिखती है। उन्हे आने-जाने का सुगम रास्ता भी बताती है, और उनके साथ पूरी पटकथा डिस्कस करके काम करती है। पहले ये अभाविप के छात्र नेता आते हैं, उनके साथ कुछ अछात्र/कुछात्र किस्म के छात्र भी होते हैं, जो गालियां देने में, पत्थर चलाने में, दंगे आदि करने में माहिर होते हैं। फिर ये पहले आकर ठी-ठी करके हंसते हैं, फिर पुलिसवालों से राम-राम करते हैं, हाथ-वाथ मिलाते हैं, फिर थोड़ा भारत माता की जय टाइप नारे लगाते हैं, फिर जब मन भर जाता है, या पटकथा के मुताबिक अखबार आदि के लिए फोटो खिंच जाता है तो पुलिसवालों को इशारा कर दिया जाता है, पुलिसवाले इन्हे उठालेते हैं और ये पुलिस स्टेशन चले जाते हैं, जहां पहले से ही इनकी गाड़ियां खड़ी होती हैं, अंदर जाकर ये थोड़ा ठंडा, नाश्ता आदि करते हैं फिर अपने घर, या कॉलेज, जैसा प्रोग्राम हो चले जाते हैं।
तो कल दिल्ली में ये सब हुआ। अब आपके सामने दो रास्ते हैं। एक तो आप जेल में जाओ, दूसरे आपको पुलिस पकड़ कर जेल ले जाएगी। समझदार नहीं हैं आप, आसान गणित नहीं समझ आ रहा आपको। देखो, अगर तुम यू जी सी जाओगे तो पुलिस तुम्हे पकड़ कर जेल ले जाएगी, और अगर तुम यू जी सी नहीं जाते हो, तो पुलिस किसी की शिकायत को आधार बनाकर तुम्हे गिर-तार कर लेगी और फिर तुम्हारे साथ जा होगा.....
खैर बात ये हो रही थी कि दिल्ली में कल क्या हुआ.....केरल हाउस में हिंदु सेना आई, लोकतंत्र की हुई पिटाई, छात्रों ने किया, यू जी सी ऑक्यूपाई, अब तुम जो चाहे कर लो भाई, अब तो जेल में जाना पड़ेगा। हा हा हा हा हा हा हा

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