सोमवार, 22 अप्रैल 2013

कोई पूछे तो बता देना


कोई पूछे तो बता देना



कोई पूछे तो बता देना

कि मै फिर लौटुंगा........

मैं फिर लौटुंगा


कि जब सूरज

अपनी बेपनाह उदासी को छोड़ कर

....मेरे संग चल देने को 

तैयार होगा.....


कि जब सभी दरख्त

अपनी हवाओं के साथ 

मेरे गीतों को

उड़ा ले चलेंगे.....

कि जब सारी दुनिया की अवाम

सिर उठा कर चलेगी.


जब इस दुनिया के लोग

किसी और दुनिया के सुखों का

ख्वाब देखना

बंद कर देंगे.....

जब हर इक दाने पर 

अस्ल में खाने वालों के

नाम लिखे होंगे

जब इस दुनिया के हर जर्रे पर 

इसी दुनिया के बेनाम

बाशिदंों की मिल्कीयत होगी.....


तब मैं लौटुंगा....

....तब मैं लौटुंगा जरूर.....

क्योंकि मुझे लौटना ही होगा.....

क्योंकि मुझे इस दुनिया से बहुत प्यार है।

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