गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

एच वन बी वीज़ा का असली सच



नमस्कार, मैं कपिल एक बार फिर आपके सामने। सुना अमेरिका ने, यानी महामानव के परम मित्र, डोलांड ने एच वन बी वीज़ा पर कुछ एक करोड़ के आस-पास की सलाना फीस लगा दी है। इसी के साथ मितरों, शुरु हो गया इस देश में तथाकथित प्रगतिशीलों, वामियों और कांगियों का शोर, कि हाय रे, ये क्या हो गया, और हाय रे ये तो बुरा हो गया। पर भैया कहावत है कि छुरी गिरे खरबूजे पर या खरबूजा गिरे छुरी पर, कटना खरबूजे को ही है, अब इस कहावत में भैया मेरे, जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है, और जिसे आप ना देख रहे हैं ना दिखा रहे हैं, वो ये कि खरबूजा बिना कटे किसी काम का नहीं होता। यानी छुरी आपका ही काम कर रही है। ये जो एच वन बी वीज़ा की फीस बढ़ाई गई है, ये असल में महामानव का मास्टरस्टोक है यारों। 



मास्टरस्टोक कैसे? अब आप लोग पूछेंगे। मैं आपको वो फालतू ब्रेन डेन और ब्रेन गेन वाले लफड़े में फसाने वाला नहीं हूं। लेकिन जबरदस्त लॉजिक है, अगर आप बात पूरी सुनेंगे तो, ज़रा इधर आइए। देखिए पहले तो ये समझ लीजिए कि डियर फें्रड डोलांड और महामानव में दांत काटी रोटी वाली दोस्ती है, यानी दोनो सिर्फ एक-दूसरे से तू-तड़ाक में ही बात नहीं करते, बल्कि एक ही प्लेट में एक ही रोटी के निवाले तोड़े जाते हैं। आप देखिए ज़रा, ये जो गले लगते हैं, महामानव और डोलांड, ऐसे तो कोई राष्टपति और प्रधानमंत्री गले नहीं मिलते, बल्कि मैं सच कहूं तो दो प्रेमी भी ऐसे गले नहीं मिलते होंगे, ये दरअसल, दो सच्चे दोस्त एक दूसरे के गले मिल रहे हैं। इतनी गहरी दोस्ती है दोनो में, कि एक दूसरे के मन की बात समझ जाते हैं, बिना कहे। 

ये जो पिछले कुछ दिनों से आप सुन रहे हैं कि दोनो की दोस्ती में कोई दरार आ गई है, ये सब फालतू की बातें हैं। फालतू की बातों पर कान नहीं देना चाहिए, ध्यान नहीं देना चाहिए। ये बस दिखावा है, छलावा है, दुश्मनों को छकाने का। दोनो को अपने देश में ये दिखाना है कि वो टफ हैं, और अपने देश से प्यार करते हैं, और देश के आगे दोस्ती को कुछ नहीं समझते, इसलिए दोनो ने ये प्लान बनाया है। अब ये प्लान काम कैसे करेगा। इसकी भी सॉलिड थ्योरी है भाई लोग। समझिए, अमरीका में डोलांड बाबू कह रहे हैं कि वो सबसे अच्छे हैं, भारत में महामानव ने खुद को सबसे अच्छा घोषित कर रखा है। अमरीका में डोलांड बाबू मेक अमरिका ग्रेड अगेन का ढोल पीट रहे हैं, भारत में महामानव ने भारत का विश्वगुरु बनाने का डंका बजा रखा है, अमरीका में डोलांड ने ये मैसेज छोड़ा हुआ है कि उसने भारत की ऐसी तैसी कर दी है, इधर भारत में ये गाना बज रहा है कि डोलांड ने फोन किया और महामानव ने फोन ही नहीं उठाया उसका। 

कमाल ये है कि दोनो ही दोस्तों को एक दूसरे से इतना प्यार, इतनी रगबत, इतनी मोहब्बत है, कि दोनो एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुज़रने को तैयार हैं। 



तो मामला ये है कि महामानव और उनके डीयर फ्रेंड डोलांड ने आपस में ये सैटिंग कर रखी है, कि तू मेरी खटिया उछाल मैं तेरी फजीहत करता हूं, और अभी तो अपनी एक दोस्त भाषा सिंह के वीडियो से पता चला कि मित्र डोलांड ने दवाओं पर हंडेड पर्सेंट टैरिफ लगा दिया, माने भारतीय दवाओं पर। इधर महामानव चीन और रूस प्यार की पींगे बढ़ाने का शानदार दिखावा कर रहे हैं। 

चलिए तो दोबारा एच वन बी वीज़ा पर आते हैं। अब मैं आपको बताता हूं, एच वन बी वीज़ा पर लगभग एक करोड़ की सलाना फीस का सच। तो इसे समझने के लिए आपको पहले महामानव की राजनीतिक समझ और चालाकी पर विश्वास जमाना होगा, ऐसी गज़ब समझ है कि क्या कहने। जब राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाया, और सबूत पेश किए तो महामानव को इससे बहुत पहले से पता था कि राहुल गांधी ये करने वाले हैं। अब एक बार जब महामानव और डिप्टी महामानव को ये समझ में आ गया कि अब ये वोट चोरी का मुद्दा पूरे भारत भर में मुद्दा बन जाने वाला है तो सबसे बड़ी चिंता क्या होती? जी हां, आपने सही सोचा उनकी सबसे बड़ी चिंता ये थी कि अगर वोट चोरी नहीं होगी तो फिर जीत कैसे होगी, क्योंकि ये तो आप समझ ही गए होंगे कि, एकॉर्डिंग टू भक्त लॉजिक, महामानव नहीं होंगे तो देश का क्या होगा। महामानव ने भक्तों की इस चिंता को समझा और ठीक इसी तरह समझा जैसे भक्तों ने इसे समझा। 

कभी - कभी सच कहना, उतना ही जरूरी हो जाता है, जितना सांस लेना, जैसे सांस के बिना आप जिंदा नहीं रह सकते, वैसे ही सच बोले बिना भी आप ज़िंदा नहीं रह सकते, फिर चाहे सच के लिए जिदां में ही रहना पड़े। 

अब महामानव ने देशहित में ये कदम उठाया कि उन्होंने अपने डीयर फ्रेंड डोलांड को अपनी समस्या बताई। तो डोलांड जो खुद भी राजनीति का बहुत बड़ा माहिर है, राजनीति में डोलांड की महारत महामानव से कुछ एक-आध सीढ़ी ही नीचे है। जी हां, तो डीयर फ्रेंड डोलांड ने महामानव को वो रास्ता सुझाया जिसे अब तका कोई राजनीतिक विश्लेषक पकड़ ही नहीं पाया है और यही इस कमाल की स्टेटेजी की खूबसूरती है। 


अब आपको मैं बताता हूं कि प्लान क्या है? अब आप बस ये ध्यान रखिएगा कि ये प्लान जो मैं आपको बता रहा हूं बहुत ही सीक्रेट प्लान है, जिसे आप सिर्फ मेरे चैनल पर एक्सक्लूसिव देख रहे हैं। तो दोस्तों आपने देखा होगा कि जब महामानव अमरीका की टिप पर जाते हैं, जब भी जाते हैं, तो वहां के सारे इंडियन ”मोदी-मोदी” के नारे लगाते हैं। 


तो अब राहुल गांधी के वोट चोरी के सबूतों के साथ खुलासे के बाद ये लग रहा है कि महामानव और उनकी पार्टी को यहां तो कोई वोट दे नहीं रहा, लेकिन अब भी अमरीका की धरती पर तो वो लोग मौजूद हैं, जिन्होने महामानव को छुआ तो उनकी जिंदगी बदल गई।


जबकि भारत की हालत ये है कि राहुल गांधी ने जो सबूतो के अंबार लगाए हैं, और के चु आ ने जो लगातार बचने के लिए गुलाटियां खाई हैं, इनसे ये लग रहा है कि पिछले चुनावों में चाहे वोट चोरी हुई हो या ना हुई हो, आगे के लिए कम से कम वोट चोरी के दरवाजे़ बंद हो गए हैं। क्योंकि अब सबकी नज़र, एक-एक वोट पर, एक-एक वोटर पर होगी, हर बूथ पर निगरानी होगी, के चु आ के हर आंकड़े को फौरन जांचा जाएगा, और उसमे हुई हर गड़बड़ी को फौरन पकड़ा जाएगा। उपर से पिछले कुछ दिनों में कोर्ट में चुनाव के गड़बड़ी वाले फैसले भी पकड़ लिए गए हैं, उन्हें पलट भी दिया गया है। इसलिए एक किस्म का भारी मामला चल रहा है। 


बस ये एक करोड़ वाले वीज़ा को इसीलिए लगाया गया है ताकि उन लोगों को, महान भारतीय राष्टवादियों, महामानव प्रेमियों को वापस भारत लाया जा सके, ताकि वो यहां आकर एक बार फिर से महौल बनाएं, और महामानव को वोट देकर एक बार फिर भारत-भू पर महामानव के नाम का परचम लहराएं। वो लोग जो अमरीका में रह कर महामानव के गुण गाते हैं, जाहिर है यहां वे सीधे महामानव की महान कृपा का भागी बनेंगे, वे लोग जो अमरीका में रहते हैं, एच वन बी वीज़ा लेकर, उन्हें भी तो महामानव की सेवा का अवसर देना चाहिए। अब खुद महामानव को भी लग रहा है कि आगे कोई भी वोट चोरी मुश्किल है, इसलिए कुछ नया करना पड़ेगा, कुछ ऐसा जिसके बारे में कोई सोच भी पाए, और इसका यही तरीका बाकी बचा है कि, 



अब महामानव ने राहुल गांधी को जवाब देने का तरीका ये ईजाद किया है कि अब वो उस जनता को वापस बुला रहे हैं, जो उन्हें ही वोट दे। पिछले कुछ सालों में यहां के भक्तों ने अपना मुहं मोड़ लिया लगता है, वो बात अब नहीं लग रही, जो पहले लगती थी। इसलिए वो बात फिर से पैदा करने के लिए अमरीका से जनता को वापस बुलाना ही पड़ेगा साहब। 


तो कुल मिलाकर मामला ये है यारों कि आज इस वक्त भारत का सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? जी एस टी, नहीं, लेह-लद्दाख में युवाओं का आक्रोश, नहीं, बरेली, उत्तराखंड, असम और देश के अन्य राज्यों में युवाओं का प्रतिरोध और पुलिस का लाठी चार्ज, नहीं, उमर खालिद और अन्य युवाओं का लगातार पांच साल से बिना किसी टायल के जेल में रहना, नहीं, राहुल गांधी का वोट चोरी वाला एच बॉम्ब, नहीं, इस वक्त हमारे महामानव के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है कहां से वो वोटर लेकर आए जाएं, जो महामानव को वोट करें। इसीलिए उनके परम मित्र डोलांड ने एच वन बी वीज़ा का चक्कर चलाया है, ताकि सभी महान भारतीय महामानव प्रेमी वापस आएं और अपने सपने को, यानी महामानव को विजयी बनाने में अपने वोट का इस्तेमाल करने का मौका पाए। 

तो हमारा फर्ज़ बनता है कि उन सभी महामानव भक्तों को बधाई दें, और डीयर फ्रंेड डोलांड को धन्यवाद दें कि उसने एच वन बी वीज़ा को इतना महंगा कर दिया है कि इन सभी राष्टप्रेमियों को भारत वापस आने का मौका मिला।


चचा जो थे हमारे, ग़ालिब, उन्होने एच वन बी वीज़ा पर बहुत मजे़दार शेर कहा है, सुनिए 


कहां अमरीका और कहां भारत का घर ग़ालिब

न एच वन बी वीज़ा होता, ना ही देश से प्यार होता


वल्लाह, ग़ालिब अपनी मौत के बाद बहुत खूबसूरत शेर कह गए हैं, ये उसी का एक नमूना है। तो साहब एच वन बी वीज़ा की सलाना फीस के लिए महामानव की राजनीति पर एक बार फिर से जय श्री राम बोलिए और डीयर फ्रंेड डोलांड का भी धन्यवाद कीजिए।

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