लो जी, सारी वैज्ञानिक खोजों का बाप, अनुसंधानों का निचोड़, इंसान के सारे दुखों का समाधान.....हमारे बाबा जी, जो हजारों साल हिमालय पर तपस्या का दावा नहीं करते, सिर्फ ये दावा करते हैं कि वो कैंसर, एडस्, डाइबिटीज़ ठीक कर सकते हैं, ने ये चमत्कार कर दिखाया है। बाबा सिर्फ योग नहीं करते, कराते, वो दवाइयां भी बेचते हैं। जैसे आजकल कई एक्टर, सिंगर और पोएट बन रहे हैं, उसी तरह बाबाजी भी योग के अलावा दवाइयां बेचने का काम करते हैं। यूं कई बाबा सिंगर, एक्टर, कम्पोज़र, और ना जाने क्या-क्या होते हैं, हमारे बाबा जी सिर्फ दवाइयां बेचते हैं, यूं कई लोग कहते हैं कि वो योग को भी बेच रहे हैं, लेकिन ये नालायक किस्म के लोग हैं, जो बाबाजी की प्रसिद्धि से जलते हैं। बाबाजी पहले दूध बेचते थे, बाबा बनने के बाद, भी आदत नहीं बदली, कहते हैं ना, चोर चोरी से जाए, हेरा-फेरी से ना जाए।
खैर हमें विषय से नहीं भटकना चाहिए, हमारे बाबा, चमत्कारी दवा लेकर आए हैं, जो सारे वैज्ञानिक दावों को झुठला देगा। यूं बाबा पहले भी कई वैज्ञानिक दावों को, कानूनी दावों को झुठला चुके हैं, लेकिन अब जिस वैज्ञानिक दावे को उन्होेने मिट्टी में मिलाया है वो बच्चे के जन्म के संबंध में है।
जी हां, दुनिया में पहली बार, बल्कि ब्रह्मांड में पहली बार, बाबा एक ऐसी गोली, यानी दवाई मार्केट में लेकर आए हैं, जिसके लेते ही आप पुत्र, यानी बेटे, को जन्म दे सकते हैं। ऐसी गोली अगर आप किसी गाय को खिला दें तो बैल पैदा करेगी, औरत को खिला दें तो वो शर्तिया बेटा पैदा करेगी। वैज्ञानिक कुतर्क करते हैं कि एक्स क्रोमोज़ोम और वाई क्रोमोज़ोम के कुछ घालमेल से लड़का या लड़की पैदा होते हैं। हमारे बाबा जी की दवाई खाकर तो देखिए क्रोमोज़ोम की क्या ताकत कि आपको लड़की पैदा हो जाए, आपको शर्तिया लड़का पैदा होगा।
पुराने जमाने में, यानी प्राचीन काल में, योग की भाषा में कहें तो आदि काल में जब राम पैदा हुए थे तो वो इसी गोली के चूरे के प्रभाव से पैदा हुए थे। वो राज़ बाबा जी ने जान लिया है, वो योग करते हैं, योग में समाधि करते हैं, समाधि में वो काल और समय की सीमा से परे चले जाते हैं, और ऐसे ही एक समय वो प्राचीन, अति प्राचीन यानी सतयुग में जाकर ये गोली बनाने की तरकीब सीख आए और इस काल की जनता के हित के लिए उन्होने ये गोली, जिससे बेटा पैदा होता है, यहां बना दी।
इस गोली का नाम है ”पुत्रबीजक गोली” एक लेंगे तो एक बेटा पैदा होगा, दो लेंगे तो दो बेटे पैदा होंगे, और ज्यादा चाहिए हों तो ज्यादा गोलियां खा लें बस। कुंवारी कन्याओं को इस गोली से दूर रखें, पुरुषों को भी चेतावनी के तौर पर इस गोली से दूर ही रहना चाहिए। गड़बड़ हो सकती है।
बाबाजी पहले एक गड़बड़ झेल चुके हैं, उन्होेने योग करते हुए बताया था कि उंगली के नाखूनों को रगड़ते रहिए और आपके बाल आ जाएंगे, कई लोगों ने इसको अपना लिया, और इतना रगड़ा कि नाखून घिस गए। बाबा जो योगी हैं, वो ये बताना भूल गए कि नाखून रगड़ने से शरीर पर बाल कहीं भी आ सकते हैं, ऐसे में कई लोग परेशानी में फंस गए। अब वही लोग बाबा जी के बाल नोचने को तैयार हैं, नाखून रगड़ा और कांख के बाल बढ़ गए, काटते रहो बेटा। अब आपने देखा होगा कि लोग नाखून रगड़ते हुए नहीं मिलते।
पुत्रबीजक गोली का भी ऐसा ही है, अगर गलत इंसान ने खाली तो गड़बड़ हो सकती है। यानी मान लीजिए किसी पुरुष ने खा ली तो......यानी कुछ भी हो सकता है, सावधानी से। समस्या सिर्फ यहीं नहीं है, समस्या ये भी है कि बाबा को जो सरकार प्रश्रय दे रही है, वो प्रचार तो कर रही है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और उसके बाबा योगी नाथ रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव बना रहे हैं बेटा पैदा करने की गोलियां। बड़ी ही सांसत की बात है। लेकिन इसमें कोई दोहरी या असमंजस वाली बात देखिए है नहीं। असल में ये पार्टी हाथी वाले उसूल पर चलती है। आपको हाथी के दांतों का किस्सा तो पता होगा, खाने के और दिखाने के अलग-अलग होते हैं।
ये सरकार जो भी कहती है, करती बिल्कुल उसका उल्टा है। कहती थी कि विदेशों से काला धन आएगा, काला धन आना तो दूर, विदेशों में भारीतय धन जाने के तरीके शुरु हो गए।
कहते थे किसानों के भले के लिए काम करेंगे, किसान कर रहा है आत्महत्या, और ये कह रहे हैं उसके कायर और कामचोर। उपर से किसानों की जमीन छीनने के कानून बना रहे हैं। कहते थे, पैट्रोल-डीजल के दामों में मंदी करेंगे और हर दूसरे महीने, आधी रात को पैट्रोल की कीमतें चुपके से 4 रुपया बढ़ा देते हैं। तो जब इन्होने कहा कि बेटियों को बचाएंगे, तो इसका साफ मतलब था कि अब बेटे पैदा करने की गोलियों का प्रचार होगा।
अब ये ना पूछिएगा कि ये गोली कैसे काम करती है, ये बाबाजी को भी नहीं पता, असल में ये इतनी प्राचीन विद्या है कि बाबा जी ने सीखी तो है लेकिन प्रक्रिया भूल गए हैं। ये उनके चरित्र में आ गया है। ना ना, गोली बनाना नहीं, गोली देना, यानी लोगों को बेवकूफ बनाना। बाबा जी ने ये प्राचीन विद्या दूध में पानी मिला कर बेचते हुए सीखी थी। कहते थे कि योगी एक कपड़े में रहता है और वो सिले हुए कपड़े नहीं पहनेंगे, हुआ क्या, मंच से कूदे, महिलाओं के कपड़े यानी सलवार-कमीज़ पहना और भागे सीधे, हरिद्वार। पिटे इनके भक्त, पर भक्तों को अब भी समझ ना आई। उपर से जिन औरतों के कपड़े पहन कर भागे उन्हे ही नेस्तनाबूद करने की योजना, यानी पुत्रबीजक गोली बना दी। बाबा जी, सवाल ये है कि अगर अगली बार भागना पड़ा तो महिलाओं के कपड़े कैसे पहनोगे, आपकी पुत्रबीजक गोली से सारे मर्द पैदा होंगे, लड़कियां कहां से लाओगे।
खैर, एक और खबर आई, पता चला कि एक और महान संत हैं, जिनके किसी सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को बुलाया गया, और वहां से महिला पत्रकारों को कहा गया कि वो पीछे जाकर बैठें, कि उनके वो जो संत है, वो कट्टर ब्रह्मचारी हैं और उन पर औरत की छाया तक नहीं पड़नी चाहिए। असल में ये सही भी है, वो अपनी मां की कोख से नहीं पैदा हुए, पिताजी की गुदा से पैदा हुए थे। तभी से ब्रह्मचारी हैं। अब इनके बारे में और क्या कहा जाए कि सुसरे अक्ल बेच खाई और अब चरित्र बेच कर खा रहे हैं टुकड़े-टुकड़े। जो ना कहा जाए वो काम है।
ओ बाबा लोगों, दुनिया बाल उखाड़ लेगी, समझे, कब तक बेवकूफ बनाओगे, सुधर जाओ। महिलाओं को अपमान करना बंद करो। धूर्त पाखंडी दगाबाज़।

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