बुधवार, 25 जून 2025

झोला - फकीर और परदेस का चस्का




नमस्कार, फिर से कपिल के साथ। देखिए विश्वगुरु जब भी विदेश यात्रा पर निकलते हैं, हमारे देश के ही कुछ फुटकर वामपंथियों, स्वतः स्फूर्त देशप्रेमियों, तथाकथित प्रगतिशीलों की छाती पर सांप लोटने लगते हैं। इस बार जब जी सेवन में महामानव को निमंत्रण नहीं मिला, तो देश भर में शोर मचा दिया कि देखो, किसी ने बुलाया तक नहीं, और जब आखिरी मिनट बुला ही लिया, तो अब शोर मचा रहे हैं कि ये बुलाना भी कोई बुलाना है। आखिर तुम मोदी जी को दो मिनट चैन की सांस, लेने दोगे या नहीं। 


तो महामानव अभी तीन देशों की यात्रा पर निकले हुए हैं। परदेस उन्हें बहुत भाता है, इसलिए वो जल्दी-जल्दी झोला उठाकर चल देते हैं। वैसे भी फकीर आदमी हैं, और फकीर के पांव में चक्कर होता है, बस दो ही लोगांे ने पूरी दुनिया की इतनी यात्रा की है आज तक, एक हवेनसांग  और एक मोदी जी, और भाइयों हवेनसांग की यात्रा भी कोई यात्रा थी भला। मोदी जी तीन चौथाई दुनिया की यात्रा कर चुके हैं। मार्क ट्वेन ने कहा था, ”सीखने के लिए यात्रा करना जरूरी है” मोदी जी मार्क ट्वेन को झूठा साबित कर चुके हैं। एमिल जोला ने कहा, ”जैसी बुद्धिमता यात्रा से बढ़ती है, किसी और चीज़ से नहीं” मोदी जी एमिल जोला को भी झूठा साबित कर चुके हैं। लेकिन उन्होने लाओ त्सू के इस कथन को सच्चा साबित किया है कि, ”यात्रा के लिए किसी योजना की जरूरत नहीं होती”। इसी कथन के सहारे मोदी जी विश्वगुरु बन, बिना किसी योजना के पूरी दुनिया की सैर को निकल जाते हैं। 


अभी देखा कि कोई अभय दुबे हैं, पत्रकार -फत्रकार हैं, कह रहे थे कि पूरी दुनिया का कोई प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर नहीं गया है, मोदी जी तीन-तीन देशों की यात्रा कर रहे हैं।


अब कोई समझाए इन्हें, दुनिया में कोई मोदी जी जैसा है ही नहीं। अरे दुनिया क्या आप पूरे ब्रहमंाड को देख लो। कोई है मोदी जैसा, अमेरिका जैसे देश का राष्टरपति, डोलान्ड, आत्ममुग्धता में भले की मोदी जी से बीस हो, लेकिन खुद को ईश्वर का अवतार तो उसने भी अभी तक नहीं बताया है। वो क्या खाकर हमारे नॉनबायोलॉजिकल, अवतार-ए-ईश्वर से तुलना करेगा। कहां मोदी, कहां डोलान्ड। ऐसे मुश्किल वक्त में जब पूरी दुनिया पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा हो, तो बताइए, विश्वगुरु, अवतारी पुरुष, स्वयं को ईश्वर मानने वाले मोदी जी, विश्व यात्रा ना करें तो क्या करें। अब देखिए भारत में जो हादसे थे, वो तो उन्होने मना लिए, अहमदाबाद में जहा प्लेन क्रैश हुआ था, वहां उन्होने फोटुएं खिचवा लीं। उत्तराखंड जाने का उन्हें मौका ना मिला, वरना वहां भी फोटू खिंचवा लेते। ऐसे में फोटो खिचवाने का मौका पैदा करना जरूरी था। 


एक और वीडियो चल रहा है, मोदी जी को बदनाम करने का, वहां जी सेवन में जहां दुनिया भर के नेता लोग मंच पर खड़े हैं, वहां मोदी जी नहीं दिखते। अब इसे भी आपको समझाना पड़ेगा क्या। अरे उस मंच पर खड़े हुए सारे राष्टराध्यक्ष दोयम दर्जे के थे। आप देखिए एक कमजोर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सबके बीच खड़े थे, भीड़ में। मोदी जी को आप ऐसा कमजोर समझते हैं कि वो भीड़ में खड़े होंगे। अरे मोदी जी, मोदी जी हैं, वो इन सबके साथ भीड़ में खड़े होकर फोटू ख्ंिाचवाएंगे। अबे जाओ। मोदी जी का जब भी फोटू खिचेगा, अकेले में खिंचेगा, जिसमें फोकस सिर्फ मोदी जी पर होगा। और अगर कोई और कैमरा के सामने आया, तो मोदी जी उसे बाजू पकड़ कर साइड कर देंगे। समझे।


इसलिए आपको जी सेवन वाले फोटू में मोदी जी नहीं दिखाई देते। और आप समझते हैं कि इससे भारत का अपमान होता है। अजी जाइए। 


आपको शायद पता नहीं है, डोलान्ड जो मित्र हैं मोदी जी के। जल्दी से निकल लिए, बिना मोदी से बात किए। फिर उन्हें डर लगा। तो उन्होने मोदी से फोन पर बात करने का आग्रह किया। 



अब आपको मैं समझाता हूं कि टरम्प ने मोदी जी से आग्रह क्यों किया। एक्चुअली, टरम्प डर गया। वो डर गया, कि मोदी जी, जिन्होने युक्रेन और रशिया की वार रुकवा दी थी, वो कहीं, इज्राइल और ईरान की वार ना रुकवा दें। 


याद है ना आपको। जब मोदी जी एक फोन कॉल पर युक्रेन वॉर रुकवा सकते हैं, तो बताइए, वो वहां पहुंच कर क्या नही ंकरवा सकते। ईरान-इज्राइल वार को मोदी चाहे ंतो चुटकी बजा कर रुकवा सकते हैं। इसलिए उनके डीयर फ्रेंड डोलान्ड ने उनसे फोन पर बात करने का आग्रह किया। और ये आग्रह किया तो हम डोलान्ड की इज्जत बचाने के लिए कह रहे हैं, वो तो बकायदा गिड़गिड़ाया होगा, कि मोदी जी, प्लीज, प्लीज मुझसे बात कर लो। और फिर मोदी जी ने शान से बात की। अब फोन पर पता नहीं क्या बात हुई। पर हम सोच ही सकते हैं कि क्या बात हुई होगी। डोलान्ड ने कहा होगा, प्लीज मोदी जी, आप ईरान-इज्रराइल के झगड़े में मत पड़ना, आपको मेरी फ्रेंडशिप का वास्ता। मोदी जी ने पहले तो अपनी लाल आंखें दिखाई होंगी, फिर अपनी तेज़ आवाज़ से उसे डराया होगा, फिर दोस्ती की दुहाई पर पिघल गए होंगे। भोले हैं अपने मोदी जी, दया आ गई होगी इन्हें। इन्होने कहा होगा, जा, जी ले अपनी जिंदगी। और इसलिए उन्होने इरान-इज्राइल वॉर नहीं रुकवाई। तब जाकर टरम्प ने राहत की सांस ली होगी। आप क्या समझेंगे इस महान आत्मा की कारगुजारी को। 


अब आते हैं दूसरे मसले पर। एक और वीडियो वायरल है, जिसमें मोदी बिना प्रॉम्पटर के कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। वो एक्चुअली उन्हें साइप्रस का ”गेंड काकरडश्र आूाकदयोा” सम्मान मिला। 



ऐसे में आप बताइए, जब आपको कोई सम्मान मिलता है, वो भी किसी दूसरे देश में, ऐसे हालात में जब आपने उसके लिए कुछ किया भी ना हो, तो आप भी तो नर्वस होते होगे। मोदी जी थोड़ा नर्वस हुए तो इसमें बुरी बात क्या है। वो कुछ ऐसा-वैसा नहीं बोलना चाहते थे, इसलिए उन्होने सर्तकता बरती और पूरे समय मुहं नीचे करके बोलते रहे। ये उनकी महानता का, महान विनम्रता का ही सबूत है। इसे आप उनकी मूर्खता का प्रमाण मत समझिए, विनम्र आदमी ऐसा ही होता है, वो जब अवार्ड लेता है, तो ऐसे ही आंखे नीची करके बोलता है। 

मोदी जी की विद्वता को आप नहीं समझेंगे, वो मैं आपको समझाता हूं, आप किसी भी विदेशी नेता के साथ उनका वार्तालाप देखिए, वो उन्हीें की भाषा में एक चुटकुला सुनाते हैं, और फिर ठठाकर हंसते हैं। मोदी जी कमाल हैं। भारत में भी वो तामिलनाडू में वणक्कम बोलते हैं, बगंाल में बंगाली, लखनउ में लखनवी अंदाज में बात करते हैं, और बिहार में अंग्रेजी बोलते हैं। 

इसी तरह जब वो विदेश जाते हैं, तो वहां भी एक कनेक्शन जोड़ लेते हैं। उन्हीं की भाषा में उन्हें एक चुटकुला सुनाते हैं, और फिर खुद ही हंस पड़ते हैं। 


दोस्तों, इस समय पूरी दुनिया को मोदी जी की जरूरत है। सारी दुनिया मोदी जी को आंखे फाड़ कर देख रही है। ये सही है कि उनके प्रिय मित्र डोलान्ड ने आसिफ मुनीर को खाने पर बुलाया, लेकिन वो सिर्फ इसलिए कि उसे डांट सके, कि वो उनकी और मोदी जी की दोस्ती के बीच आने की कोशिश ना करे, आखिर मोदी और डोलान्ड का रिश्ता बहुत पुराना है। जाने ये रिश्ता क्या कहलाता है। पर रिश्ता, रिश्ता होता है। नेतन्याहू ने भी मोदी जी से बात की है कि वो उनके ही पक्ष में रहें। मोदी जी की बात सब मानते हैं। इस वक्त पुरी दुनिया को मोदी जी की सलाह की जरूरत है, इसलिए जी सेवन में मोदी जी को बुलाया गया है, ताकि वे दुनिया को सही सलाह दे सकें। अपनी सलाहों से और कामों से जिस तरह मोदी जी ने पूरे भारत का पूरी दुनिया में डंका बजाया है, खुद भारत भर में मोदी जी के कामों का डंका बज रहा है। और आप जानते ही हैं कि डंका, डंका होता है, वो एक बार बजना शुरु होता है तो बस बजता चला जाता है। 

हमें एक भारतीय होने के नाते, मोदी जी के इस विश्वरूप को स्वीकार करना चाहिए। मैं देख रहा हूं कि अब भी भारत में महामानव मोदी की आलोचना करने वाले मौजूद हैं, बावजूद इसके कि कई देशद्रोहियों को सालों बिना किसी टायल के जेलों में सड़ाया जा रहा है, लोग मोदी जी की आलोचना करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। 

अपने इस वीडियो में मैं आपसे अपील करता हूं कि मोदी जी के विश्वगुरु वाले रूप को स्वीकार करें, वरना देख लीजिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी लपेटे में आ ही चुके हैं, रवीश कुमार अभी कुछ दिन और आज़ादी की सांस ले लें, कुछ ही दिनों में उन पर भी ई डी का छापा पड़ सकता है, आप अपनी खैर मनाइए। 


चचा ग़ालिब के इस शेर का मुलाहिजा फरमाइए



गर हो सके तो कैमरे का लैंस देख ले

लपेट रहे हैं हम, तू जी भर के फेंक ले


और आप समझ लीजिए, इस वीडियो को लाइक करना, सब्सक्राइब करना देशभक्ति का सबूत होगा। शेयर करने पर कुछ ही दिनों में अच्छी खबर भी मिल सकती है। बाकी आपकी मर्जी है। फिर मिलता हूं, नमस्ते। 




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